हड्डियों और मसल्स से जुड़े स्वास्थ्य खतरों और बीमारियों को रोकने में अब तक विटामिन डी सप्लीमेंट्स की अहम् भूमिका देखी गयी है. लेकिन एक मेडिकल स्टडी में पाया गया है कि दांत, हड्डी और मसल्स को कमजोर और बीमार करने वाले खतरों से लड़ने में विटामिन डी फेल हो गया है.
न्यूजीलैंड की ऑकलैंड यूनीवर्सिटी में मेडिसिन, एसोसिएट प्रोफेसर मार्क बोलैंड और हेल्थ साइंस रिसर्च टीम से जड़े कई एक्सपर्ट की रिपोर्ट्स के मुताबिक़, क्लिनिकल ट्रायल्स में पाया गया है कि फ्रैक्चर्स के मामलों में भी विटामिन डी सप्लीमेंट्स कारगर नहीं है. और तो और कैंसर और दिन के रोगों से लड़ने में इसकी भूमिका बहुत अच्छी नहीं है.
दरअसल विटामिन डी सप्लीमेंट सिर्फ डाईट के जरिये अपना काम अंजाम नहीं दे पाते हैं. धुप और सही पोषण से लैस सप्लीमेंट न मिलने का चलते स्वस्थ्य संबंधी दिक्कतें भी बढने लगी हैं. हालंकि यह अभी भी डिबेट का विषय है कि विटामिन डी पूरी तरह से फेल है या फिर कारगर.
विटामिन डी हमारे शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में अहम भूमिका निभाता है। एक रिसर्च में भारत में करीब 80 फीसदी लोगों में विटामिन डी की कमी पाई गई। सबसे बड़ी बात यह थी कि इनमें से अधिकतर लोगों को पता ही नहीं था कि उन्हें यह कमी है भी। विटामिन डी हड्डियों की सेहत के
लिए बेहद जरूरी है। यह शरीर की केल्शियम अवशोषित करने में मदद करता है। विटामिन डी की कमी से कैंसर, उच्च रक्तचाप, दिल संबंधी बीमारियां, अस्थमा, टीबी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं…
कहां से मिलेगा
सूर्य की रोशनी में केवल 10 मिनट खड़े रहने पर ही पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिल जाता है। विटामिन डी अंडा, मशरूम, चीज, मछली, कॉड लिवर और
फोर्टीफाइड दूध में मिलता है। विटामिन डी न मिलने का एक बहुत बड़ा कारण घर या दफ्तर में अंदर रहना और संस्क्रीन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल भी है।